जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जीवन परिचय, वकील, पूरा नाम, जन्मदिन, परिवार, पत्नी, शिक्षा (justice DY Chandrachud biography in Hindi, Wikipedia, age, family, wife, education qualification, salary)
डीवाई चंद्रचूड़ एक भारतीय वकील हैं जिन्हें 13 मई 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में चुना गया था।
उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 45 में मुख्य न्यायाधीश (31 अक्टूबर 2013 – 12 मई 2016) और मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (29 मार्च 2000 – 30 अक्टूबर 2013) के रूप में कार्य किया।
जे ललित के रिटायरमेंट के बाद डी.वाई. चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से भारत के 45 में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे। वह भारत के 16 में और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वाई. वी. चंद्रचूड़ के पुत्र हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का जीवन परिचय
नाम (Name) | जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ |
पूरा नाम (Full Name) | जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 11 नवंबर 1959 |
जन्म स्थान (Birth Place) | मुंबई, महाराष्ट्र |
उम्र (Age) | 63 साल (2022) |
धर्म (Religion) | हिंदू |
पेशा (Profession) | एडवोकेट (न्यायाधीश) |
वर्तमान पद (Current) | भारत के 50 में मुख्य न्यायाधीश |
शिक्षा (Education Qualification) | बीए (ऑनर्स), बैचलर ऑफ लॉ डिग्री, कानून में मास्टर डिग्री, न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि |
स्कूल का नाम (School) | कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई सेंट कोलंबिया स्कूल, दिल्ली |
कॉलेज का नाम (College) | सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली हावर्ड लॉ स्कूल, यूएसए |
राशि (Zodiac Sign) | कर्क राशि |
नागरिकता (Nationlity) | भारतीय |
गृह नगर (Home Town) | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
जाति (Caste) | ब्राह्मण |
लंबाई (Height) | 5 फीट 6 इंच |
वजन (Weight) | 74 किलो |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | वैवाहिक |
डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म और परिवार (Justice DY Chandrachud Birth)
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है और इनका जन्म मुंबई में एक प्रसिद्ध ब्राह्मण परिवार में 11 नवंबर 1959 को हुआ। उनके पिता स्वर्गीय वाई.वी. चंद्रचूड़ जो भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं उनकी मां प्रभा शास्त्रीय संगीतकार थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पत्नी का नाम कल्पना दास है और उनके दो बच्चे हैं बच्चों के नाम अभिनव चंद्रचूड़ और चिंतन चंद्रचूड़ है। वर्तमान में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 63 वर्ष के हैं।
डी.वाई. चंद्रचूड़ का परिवार (Dy Chandrachud Family)
पिता का नाम (Father’s Name) | स्वर्गीय वाई.बी. चंद्रचूड़ |
माता का नाम (Mother’s Name) | प्रभा चंद्रचूड़ |
पत्नी का नाम (Wife’s Name) | कल्पना दास |
बच्चे (Children’s) | 2 बेटे |
बेटों के नाम (Children’s Name) | अभिनव चंद्रचूड़, चिंतन चंद्रचूड़ |
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की शिक्षा
चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को अपने जीवन के प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर मुंबई से ही मिली उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेने के लिए मुंबई की कैथ्रेडल स्कूल और जॉन कानून स्कूल में दाखिला लिया।
गृह नगर मुंबई से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ दिल्ली चले गए और वहां जाकर इन्होंने अपने आगे की पढ़ाई के लिए सेंट कोलंबिया स्कूल में दाखिला ले लिया।
बाद में उन्होंने ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली के सेंट स्टीफन से कॉलेज में दाखिला लिया और यहीं से 1979 में इकोनॉमिक्स यानी अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री हासिल की।
इकोनॉमिक्स से बीए की डिग्री हासिल करने के बाद 1982 में इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एल.एल.बी में दाखिला ले लिया और वकालत की पढ़ाई करने लगे।
लॉ में बैचलर की डिग्री हासिल करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और 1983 में अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एल.एल.एम. यानी कि मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की।
चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का कैरियर
- 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी के दौरान उन्होंने विभिन्न अधिवक्ताओं के साथ मिलकर जूनियर अधिवक्ता के रूप में काम किया।
- हावर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अमेरिकन लव फॉर्म सुलीवन के लिए काम करना शुरू किया।
- अमेरिका से भारत आने के बाद उन्होंने अपना अभ्यास शुरू कर दिया और बांबे हाईकोर्ट में अभ्यास के लिए जाने लगे। 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में चुना।
- 1998 से 2000 के दौरान उन्होंने अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के रूप में भी काम किया।
- 29 मार्च 2000 को पहली बार जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ बांबे हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए। इस पदोन्नत के बाद उन्होंने मुंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में 13 साल काम किया।
- 31 अक्टूबर 2013 को जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट में 45 में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। नियुक्ति के बाद तकरीबन 3 साल वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही बने रहे।
- 13 मई 2016 को वह वक्त आया जब जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
- हाल ही में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने शक्तियों का प्रयोग करते हुए धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ यानी कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भारत का 50 वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की घोषणा की है।
- 8 नवंबर 2022 को मौजूदा मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित की सेवानिवृत्ति के बाद 9 नवंबर 2022 को डी.वाई चंद्रचूड़ भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे।
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय
पिता की तरह जस्टिस चंद्रचूड़ 2016 में देश के सर्वोच्च न्यायालय में शामिल हुए और कई मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो कई सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर चुके हैं। चंद्रचूड़ को देश में महिलाओं के अधिकारों की पैरोकार के रूप में भी जाना जाता है।
आइए एक नजर डालते हैं उन प्रमुख फैसलों पर जिनमें 50 में CJI शामिल रहे थे।
सशस्त्र बलों में महिलाओं को स्थाई कमीशन
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने एक ऐतिहासिक फैसले में भारतीय सशस्त्र बलों और भारत सरकार को कमांड पोस्टिंग सहित सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने का निर्देश दिया।
महिलाओं के लिए सबरीमाला मंदिर में प्रवेश
महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने की अपनी प्रकृति के समान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में बहुमत की राय का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक आसंवैधानिक है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ इस फैसले पर तब भी टिके रहे जब नो न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ ने पिछले फैसले पर समीक्षा का फैसला किया।
धारा 377 को अपराध मुक्त करना
सितंबर 2018 में जब सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध से मुक्त करने के लिए धारा 377 को पढ़ा, तो न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सहमति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कि किसी भी व्यक्ति को यह निर्णय लेना कि उसको किससे प्यार करना है और किसके साथ अपनी जिंदगी बितानी है यह उसका अधिकार है और हम उसको छीन नहीं सकते हैं, फिर चाहे कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी लिंग वाले व्यक्ति के साथ जीना चाहें तो वह अपने फैसला लेने के लिए हम अपने फैसले उसके ऊपर नहीं थोप सकते हैं।
गर्भपात कराने का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने हाल ही में कहा था कि वैवाहिक स्थिति से गर्भपात कराने के लिए किसी के अधिकार की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए ऐसे निर्णय को अंतिम निर्णय माना गया।
हदीया केस
“लव जिहाद” के इस मामले में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने वयस्क महिला के स्वायत्ता के अधिकार और उसकी शादी और धर्म अपनाने के विकल्प के बारे में निर्णय लेने के अधिकार पर जोर दिया।
Right to Privacy का अधिकार
एक मौलिक अधिकार के रूप में राइट टू प्राइवेसी के अधिकार को बरकरार रखने वाली सशर्त पीठ के लिए निर्णय लेते समय न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने आपातकाल के युग के बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मौलिक अधिकारों को ऐसे समय में निलंबित किया जा सकता है जब आपातकाल की घोषणा की जाती है खारिज किए गए फैसले को एक पीठ द्वारा पारित किया गया था जिसमें न्यायमूर्ति वाई. वी. चंद्रचूड़ शामिल थे।
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निष्कर्ष
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