नारायण मूर्ति का जीवन परिचय, उम्र, परिवार, बच्चे, सक्सेस स्टोरी, बिजनेस, वजन, लंबाई, नेटवर्थ (Narayan Murthy Biography in Hindi, Age, Family, Children, Success story, height, weight, networth)
भारतीय बहुराष्ट्रीय निगम इंफोसिस लिमिटेड की स्थापना के पीछे कई प्रतिभाशाली दिमाग में से एक हैं एन.आर. नारायण मूर्ति, जो कि समकालीन समय के सबसे बड़े भारतीय उद्योगपतियों के बीच गिने जाते हैं। इंफोसिस एक बहुत बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो कि व्यापार परामर्श, सूचना प्रौद्योगिकी और आउटसोर्सिंग सर्विसेज प्रदान करती है, और नारायण मूर्ति ने इसकी सफलता सुनिश्चित करने में जबरदस्त भूमिका निभाई है।
नारायण मूर्ति में बहुत ही कम उम्र से ही महानता के लक्षण विद्यमान थे। एक उद्यमी बनने के लिए उपक्रम करने से पहले उन्होंने पुणे में पटनी कंप्यूटर सिस्टम के साथ काम किया. उन्होने हमेशा से ही एक उद्यमी बनने का सपना देखा था और उनकी एक बड़ी कंपनी का निर्माण करने की आशा थी। जिससे देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन हो सके।
नारायण मूर्ति का जीवन परिचय (Narayan Murthy biography)
नाम (Name) | नागवारा रामाराव नारायण मूर्ति |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 20 अगस्त 1946 |
उम्र (Age) | 76 साल (2022 में) |
शिक्षा (Education) | इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक, M.Tech |
जन्म स्थान (Place of born) | शिदलाघट्टा, चिक्कबल्लापुरा, जिला कर्नाटक |
स्कूल (School) | शारदा विलासा बाॅयज हाई स्कूल मैसूर |
कॉलेज (College) | मैसूर विश्वविद्यालय आई.आई.टी कानपुर |
राशि (Zodiac Sign) | सिंह |
गृहनगर (Home Town) | शिदलाघट्टा, चिक्कबल्लापुरा, जिला कर्नाटक |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
धर्म (Religion) | हिंदू |
जाति (Cast ) | ब्राह्मण |
पेशा (Occupation) | बिजनेसमैन |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | वैवाहिक |
शादी की तारीख (Marriage Date) | 10 फरवरी 1978 |
कुल संपत्ति (Net Worth) | $2.47 बिलियन |
नारायण मूर्ति का जन्म एवं शुरुआती जीवन (Narayan Murthy Early Life)
20 अगस्त 1946 को उनका जन्म और पालन-पोषण कर्नाटक के शिदलाघट्टा में हुआ था। उनके पिता का नाम एन रामराव था जो कि पेशे से एक शिक्षक थे। उनकी मां का पदवथम्मा मूर्ती था। नहीं परिवार में उनके अलावा 7 भाई बहन भी हैं।
उनके पिता चाहते थे कि वह एक सिविल सेवक बने, लेकिन मूर्ति इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते थे। उन्होंने आई.आई.टी प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन उन्हें शामिल होने की अनुमति नहीं थी, क्योंकि उनके पिता फीस नहीं दे सकते थे। इसलिए उन्हें एक स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेना पड़ा।
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नारायण मूर्ति का परिवार (Narayan Murthy family)
पिता का नाम (Father) | एन राम राव (शिक्षक) |
माता का नाम (Mother) | पदवथम्मा मूर्ति |
भाई / बहन का नाम (Siblings) | उनके 7 भाई-बहन है। |
पत्नी का नाम (Wife) | सुधा मूर्ति |
बेटे का नाम (Son) | रोहन मूर्ति |
बेटी का नाम (Daughter) | अक्षता मूर्ति |
दामाद का नाम (Son-in-law) | ऋषि सुनक |
नारायण मूर्ति की शिक्षा (Narayan Murthy Education)
एन आर नारायण मूर्ति ने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, इंडियन इंस्टिट्यूट और टेक्नोलॉजी की परीक्षा देने गए लेकिन उसमें वह किसी कारण से उपस्थित नहीं हो सके, बाद में वहां जाने की बजाय वे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिल हुए और 1967 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में उन्होंने ग्रेजुएशन में डिग्री प्राप्त की। 1969 में उन्होंने कानपुर के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री भी प्राप्त कर ली।
नारायण मूर्ति का कैरियर (Narayan Murthy Career)
- नारायण मूर्ति ने अपने करियर की शुरुआत अहमदाबाद में IIM का चीफ सिस्टम प्रोग्रामर बनकर कि। वहां पर वे भारत के पहले शेयरिंग कंप्यूटर सिस्टम पर काम कर रहे थे। और भारत के इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन के लिए Basic (बेसिक) इंटरप्रेटर की डिजाइन कर रहे थे। बाद उन्होंने एक कंपनी शुरू की जिसका नाम सॉफ्ट्रॉनिक था लेकिन जब सिर्फ डेढ़ साल में ही कंपनी असफल हुई तो वे पुणे के पटनी कंप्यूटर सिस्टम में भर्ती हुए।
- नारायणमूर्ति और उनके जैसे ही 6 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल ने 1981 में इंफोसिस की स्थापना की जिसमें उस समय उन्होंने अपनी कंपनी में ₹10000 की पूंजी लगाई थी, यह पूंजी उन्हें उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने दी थी।
- उन्होंने कई सालों तक 1981 से 2002 तक इंफोसिस की (ceo) सी. ई.ओ.बनकर सेवा की और बाद में उन्होंने नंदन नीलेकनी को अपने पद का उत्तराधिकारी बनाया।
- इंफोसिस में काम करते समय उन्होंने भारतीय आईटी के विकास के लिए वैश्विक स्तर पर चलने वाले मॉडल्स का निर्माण किया।
- 2002 से 2006 तक वे बोर्ड के चेयरमैन थे, बाद में बोर्ड और मुख्य सलाहकार समिति के भी चेयरमैन बने।
- अगस्त 2011 में चेयरमैन के पद पर रहते हुए भी कंपनी से सेवा निर्मित हो गए।
- HSBC के कारपोरेट बोर्ड की उन्होंने एक आजाद डायरेक्टर की तरह सेवा की और इसके साथ ही डीबीएस (DBS) बैंक यूनीलीवर आईसीआईसी आई और एनडीटीवी (NDTV) के लिए डायरेक्टर के रूप में कार्य किया।
- वे भारत की बहुत सी प्रसिद्ध शिक्षा संस्थाओं और समाजसेवी संस्थाओं के सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। जिसमें कार्नेल यूनिवर्सिटी, INSEAD,ESSEC, फोर्ड फाउंडेशन, UN फाउंडेशन, इंडो ब्रिटिश पार्टनरशिप, एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इत्यादि शामिल हैं। भारत सरकार के पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के चेयरमैन भी हैं।
- नारायण मर्ति ब्रिटिश टेलीकम्युनिकेशन की सलाहकार समिति के एशिया क्षेत्र के मुख्य सलाहकार भी माने जाते हैं।
- इसके साथ ही सन् 2012 में फार्च्यून पत्रिका ने दुनिया के मुख्य 12 उद्योगपतियों की सूची में मूर्ति को भी शामिल किया था।
- 1 जून 2013 को मूर्ति इंफोसिस वापस आए और उन्होंने एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और एडिशनल डायरेक्टर का पद संभाला।
- 12 जून 2014 को उन्होंने अपना एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद छोड़ने की घोषणा की जिसे 14 जून से लागू किया गया लेकिन 12 अक्टूबर तक उन्होंने नॉन – एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बनकर सेवा जरूर की।
- 11 अक्टूबर को मूर्ति ने हमेशा के लिए चेयरमैन के पद को छोड़ दिया।
- 2014 को CNBC (सी.एन.बी.सी) ने मूर्ति को उन लोगों की सूची में 13 वे स्थान पर रखा था। जिन्होंने पिछले 25 सालों में अपने कामों से पूरे दुनिया के लोगों को प्रभावित किया था। इतना ही नहीं, द इकोनॉमिस्ट ने उन्हें 2005 के दुनिया के 10 सबसे महान बिजनेस कार्यकर्ता की सूची में शामिल किया था।
- मार्च 2015 को टाइम्स पत्रिका ने मूर्ति को दुनिया के टॉप 10 बिजनेस पायनियर्स एंड टेक्नोलॉजी की सूची में शामिल किया था।
- आदेश के कर्मचारियों की संख्या 50000 से अधिक है।
- अभी इस कंपनी की नेटवर्क 2.7 लाख करोड़ रुपए है।
इंफोसिस की शुरुआत
उन्होंने 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की और 1081 से 2002 तक सीईओ के रूप में काम किया, फिर 2002 से 2011 तक चेयरमैन के रूप में काम किया।
इंफोसिस के साथ संस्थापकों में एनआर नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणी, एस गोपालकृष्णन, एसडी शिबूलाल, के दिनेश, एन एस राघवन और अशोक अरोड़ा शामिल हैं।
1983 में, इन्फोसिस ने अपना कार्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थानांतरित कर दिया। 984 में उन्हें अपना पहला कंप्यूटर और एक टेलीफोन लाइन मिली।
लगभग 21 वर्षों तक इंसिस के सीईओ के रूप में कार्य किया करने के बाद मूर्ति ने 2002 में नंदन नीलेकणी को अपना पद देकर पद छोड़ दिया। मूर्ति बोर्ड के अध्यक्ष बने, एक पद उन्होंने 2006 में छोड़ दिया।
2006 में, टाइम मैगजीन ने उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी के साथ एशियाई नायकों में से एक के रूप में नामित किया, जिन्होंने 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से देश में कुछ क्रांतिकारी परिवर्तन लाए।
अगस्त 2011 में, मूर्ति ने एमेरिटस चेयरमैन की उपाधि लेते हुए इंफोसिस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
इंफोसिस में वापसी
नारायण मूर्ति 1 जून 2013 को एक अतिरिक्त निदेशक और कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में इंफोसिस में वापस लौट आए। मूर्ति रणनीति बोर्ड में भी कार्य करते हैं।
यह रणनीतिक नीति और शासन के मुद्दे पर राष्ट्रीय कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास को सलाह देता है। वह आई.ई.एस.ई के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं।
नारायण मूर्ति ने 2016 में हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू असेंड में भी अपना एक भाषण भी दिया था कि “एक बेहतर प्रबंधक कैसे बने”।
उसमें उन्होंने अपने जीवन से सीखे टिप्स साझा किए। उन्होंने 2017 में इन्फोसिस में कथित कारपोरेट गवर्नेस खामियों पर चिंता जताई। लेकिन कंपनी ने इन दावों का खंडन किया।
नारायण मूर्ति को मिले पुरस्कार और सम्मान
भारत सरकार ने भारतीय आईटी क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिए उन्हें पद्म बिभूषण और पद्मश्री से नवाजा उनको मिले पुरस्कार इस प्रकार हैं।
- भारत सरकार ने उन्हें 2000 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
- 2007- कमांड ऑफ ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश शासन (CB) -UK सरकार।
- भारत सरकार ने मूर्ति को 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- 2008 में उन्हें सबसे बड़े समूह के ऑफिसर का सम्मान ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर फ्रांस सरकार द्वारा दिया गया।
- 2012 – हूवर मेडल – अमेरिकन सोसायटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग।
- 2013- वैश्विक स्तर पर 25 स्थान पर काबिज सबसे महान भारतीय – NDTV
- 2013 – साल के सबसे बड़े मानव प्रेमी – द एशियन अवार्ड
- 2013 – सायाजी रत्न अवार्ड – बरोदा मैनेजमेंट एसोसिएशन, बड़ोदरा
- 2014 – CIF चंचलानी ग्लोबल इंडियन अवार्ड – कनाडा इंडिया फाउंडेशन (इस पुरस्कार में ट्रॉफी और 50,000 अमेरिकी डॉलर का नगर पुरस्कार दिया जाता है।)
नारायण मूर्ति सोशल मीडिया :- Wikipedia
नारायणमूर्ति की संपत्ति (Narayan Murthy Net Worth)
इंफोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति की अनुमानित कुल संपत्ति फोर्ब्स के अनुसार 1.55 billion-dollar थी, जो बाद में बढ़ाकर $2.47 बिलियन डॉलर हो गई। वह भारत की सबसे अमीर सूची में 42 वे और विश्व अरबपतियों की सूची में 965 वे स्थान पर हैं।
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निष्कर्ष
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