सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाएं, स्लोगन, निबंध (Sarojini Naidu Biography In Hindi, Wiki, Pomes, Books, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Awards, Husband, Children’s, Cast, UP First Women Governor, Age, Doughter, Social Work)
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी दी थी। स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिलाओं में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजनी नायडू जी का अमूल्य योगदान है।
भारत कोकिला के नाम से मशहूर सरोजिनी नायडू ने अपनी प्रबल लेकिन इसे देश की महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित किया था।
एक कवित्री होने के साथ ही आजादी के संग्राम में उन्होंने अपने दायित्वों का पूरा निर्वाहन किया था एवं देश की महिलाओं के लिए सरोजिनी नायडू आज एक आदर्श के रूप में स्थापित हैं।
आज के इस लेख Sarojini Naidu Biography In Hindi में हम आपको उनसे संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी प्रदान करने वाले हैं साथ ही उनके जीवन के सफर के बारे में जानेंगे-
Sarojini Naidu Biography In Hindi
नाम (Name) | सरोजिनी नायडू |
पूरा नाम (Full Name) | सरोजिनी चटोपाध्याय |
अन्य नाम (Other Name) | भारत की कोकिला |
प्रसिद्धि (Famous for) | कवयित्री एवं स्वतंत्रता संग्रामी |
जन्म (Date Of Birth) | 13 फरवरी 1879 |
जन्म स्थान (Birth Place) | हैदराबाद |
उम्र (Age) | 70 वर्ष (मृत्यु के समय) |
जाति (Cast) | बंगाली |
धर्म (Religion) | हिंदू |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
वैवाहिक स्थिति (Marrital Status) | विवाहित |
पति (Husband) | डॉक्टर गोविंदा राजुलू नायडू (1897) |
बच्चे (Children’s) | 4 बेटे: रणधीर, लिलामनी, नीलावर, जयसूर्या 1 बेटी: पद्मजा |
मृत्यु (Death) | 2 मार्च 1949 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | लखनऊ |
पुस्तकें (Books) | द गोल्डन थ्रेसोल्ड (1905), द वर्ल्ड ऑफ टाइम (1912), द ब्रोकन विंग (1917) |
सरोजिनी नायडू कौन है? (Who Is Sarojini Naidu?)
भारत कोकिला के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू एक कवयित्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी थी। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दूसरी महिला प्रेसिडेंट के साथ-साथ भारत की प्रथम महिला राज्यपाल (उत्तर प्रदेश) भी थी।
सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला क्यों कहा जाता है? (Indian Nightingale Sarojini Naidu)
सरोजनी नायडू जी को ‘भारत की कोकिला’ नाम भारत के लोगों ने ही दिया है, और यह नाम उन्हें उनकी सुरीली आवाज में अपनी कविताओं का पाठ पढ़ने के लिए दिया गया था। उनकी कविताओं में एक अलग तरह का भाव होता था जो लोगों को काफी प्रभावित करता था और लोग इसे बेहद पसंद करते थे।
सरोजिनी नायडू का जन्म एवं शुरुआती जीवन
सरोजिनी नायडू जी का जन्म 13 फरवरी 18 सो 79 का वर्तमान तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में हुआ था उनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय थे जो एक बंगाली ब्राह्मण थे वह हैदराबाद कॉलेज के प्रिंसिपल भी थे।
सरोजिनी नायडू की माता का नाम वरदा सुंदरी देवी थी, जो बंगाली भाषा में कविताएं लिखती थी। सरोजिनी अपने आठ भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। उनके दो छोटे भाई वीरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय तथा हरिंद्रनाथ थे। वीरेंद्रनाथ एक क्रांतिकारी थे, जबकि हरिंद्रनाथ एक कवि एवं अभिनेता थे।
नायडू जी का परिवार हैदराबाद के सम्मानित परिवारों में से एक था इसका एक कारण यह था कि नायडू जी के पिता हैदराबाद के निजाम कॉलेज के प्रिंसिपल थे, इसके अलावा उनके परिवार के सदस्य हैदराबाद में फेमस आर्टिस्ट भी थे।
सरोजिनी नायडू जी की शिक्षा (Sarojini Naidu Education)
सरोजिनी नायडू मुझे बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थी उन्हें उर्दू, तेलुगु, इंग्लिश, बंगाली आदि भाषाओं का बहुत अच्छे से ज्ञान था। उन्होंने मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही 12वीं पास कर ली थी।
उन्होंने मैट्रिक मद्रास यूनिवर्सिटी से टॉप किया था उनके पिता चाहते थे कि वह आगे शिक्षा ग्रहण करके एक वैज्ञानिक बने लेकिन उनकी रूचि साहित्य में थी एवं उन्हें कविताएं लिखना ही पसंद था एक बार उन्होंने अपनी गणित की पुस्तक में त्यारा सोलंकी एक कविता लिख दी थी।
उनके पिता ने जब उसने देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गए उन्होंने वह कविता हैदराबाद के नवाब को दिखाई जिससे वह बहुत खुश हुए और उन्हें आगे की पढ़ाई करने के लिए विदेश भेज दिया और उनकी शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप ली देने लगे।
इसके बाद वह आगे की शिक्षा के लिए लंदन के किंग्स कॉलेज आ गई, वहां भी वह पढ़ाई के साथ अपनी कविता पढ़ने व लिखने में लगी रही, इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के गिरतों कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की।
सरोजिनी नायडू का परिवार- (Sarojini Naidu Family)
पिता का नाम (Father’s Name) | अघोरनाथ चट्टोपाध्याय |
माता का नाम (Mother’s Name) | वरदा सुंदरी देवी |
भाई के नाम (Brother’s Name) | ज्ञात नहीं |
बहन का नाम (Sister’s Name) | ज्ञात नहीं |
पति का नाम (Husband’s Name) | डॉक्टर गोविंद राजुलू नायडू |
बेटी का नाम (Doughter’s Name) | एक बेटी: पद्मजा |
बेटों के नाम (Son’s Name) | चार बेटे: रणधीर, लिलामानी, निलावर जयसूर्या |
सरोजिनी नायडू की शादी (Sarojini Naidu Husband)
अपनी कॉलेज की शिक्षा के दौरान सरोजिनी जी की मुलाकात डॉक्टर गोविंदराजुलू नायडू से हुई कॉलेज के खत्म होने तक दोनों एक दूसरे के करीब आ चुके थे।
19 वर्ष की उम्र में पढ़ाई खत्म करने के बाद सरोजिनी जी ने अपनी पसंद से 1897 में दूसरी कास्ट में शादी कर ली थी उस समय अन्य जातियों में विवाह करना गुनाह से कम नहीं था, किंतु उन्होंने समाज की परिवार ना करते हुए भी शादी की।
उनके पिता ने अब भी कुछ समय के बाद अपनी बेटी की शादी को मान लिया। आगे चलकर उनके चार बेटे और एक बेटी हुई, उनकी बेटी पद्मजा भी सरोजिनी जी की तरह ही कवयित्री बनी और साथ ही राजनीति में उतरी और वर्ष 1961 में पश्चिम बंगाल की गवर्नर भी बनी।
सरोजिनी नायडू का जीवन (Sarojini Naidu Career)
वर्ष 1904 की शुरुआत में सरोजिनी नायडू ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी ली उन्होंने महिलाओं के अधिकारों व शिक्षा के प्रति लोगों को उजागर किया, एवं वर्ष 1914 में वह महात्मा गांधी जी से मिली जहां गांधी जी ने उन्हें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के सशक्तिकरण के लिए श्रेय दिया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दूसरी महिला प्रेसिडेंट बनी वह एवं वर्ष 1919 में उन्होंने मुथुलक्ष्मी रेड्डी के साथ मिलकर भारतीय महिला संगठन की स्थापना की इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ पैक्ट का भी समर्थन किया था।
वर्ष 1917 में उन्होंने गांधी जी के द्वारा प्रवर्तित सत्याग्रह आंदोलन में भागीदारी ली इसके बाद वर्ष 1919 में वह ‘ऑल इंडिया होम रूल लीग’ के एक सदस्य के रूप में भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाने के लिए लंदन गई एवं वापस आने के बाद वह असहयोग आंदोलन से जुड़ गई।
वर्ष 1930 के दौरान गांधीजी द्वारा चलाए जा रहे दांडी मार्च के दौरान शुरुआत में उन्होंने निर्णय लिया था कि वह इस आंदोलन में महिलाओं को सम्मिलित होने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि आंदोलनकारियों के गिरफ्तार होने का खतरा था।
परंतु सरोजिनी नायडू व अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने मिलकर गांधी जी को इस यात्रा में महिलाओं को जाने की अनुमति दे लुगाई इसके पश्चात 6 अप्रैल 1930 को जब गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया तब उन्होंने सरोजिनी नायडू को इस अभियान की नई नेत्री घोषित किया।
वर्ष 1932 में नाडु को बैठ सरकार द्वारा जेल में डाल दिया गया परंतु इसका उनकी देशभक्ति के ऊपर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा और वापस आने के बाद वह पुनः आंदोलनों में हिस्सा लेने लगी इसके बाद 1942 में भी उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण पुनः जेल में डाल दिया गया।
स्वतंत्रता संग्राम में सरोजिनी नायडू का योगदान (Freedom Fighter Sarojini Naidu)
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सरोजिनी नायडू गोपाल कृष्ण गोखले से मिली एवं उनसे मुलाकात के पश्चात उनकी लेखनी ने एक नई धार पकड़ी एवं वह देश की महिलाओं को जागृत करने के लिए कार्य करने लगी।
आजादी की लड़ाई के दौरान उन्होंने गांधीजी के सहयोगी के रूप में भूमिका निभाई एवं गांधी जी द्वारा चलाए जा रहे सभी स्वतंत्रता आंदोलनों यथा ‘नमक सत्याग्रह’, ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ आदि में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, आजादी के आंदोलन के दौरान में देशभक्ति की कविताएं भी करती रही है।
उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल (Up First Women Governor)
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनी। यूपी विस्तार और जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रांत था, अतः उस पद को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा था कि- “मैं अपने को कैद कर दिए गए जंगल के पक्षी की तरह अनुभव कर रही हूं”
किंतु वह प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की इच्छा को ना टाल सकीं जिनके प्रति उनके मन में यह गहन प्रेम व स्नेह था। इसलिए वह लखनऊ में जाकर बस गई और वहां सौजन्य और गौरव पूर्ण व्यवहार के साथ अपने राजनीतिक कर्तव्य को निभाया।
सरोजिनी नायडू का कविता लेखन (Sarojini Naidu Pome Lekhan)
नायडू जी ने शादी के बाद भी अपना काम जारी रखा वह बहुत सुंदर सुंदर कविता लिखती थी जिसे लोग गाने के रूप में भी गाते थे 1905 में उनकी कविता बुलबुले हिंद प्रकाशित हुई जिसके बाद उन्हें सब जानने पहचानने लगे।
इसके बाद लगातार उनकी कविता प्रकाशित होने लगी और बहुत से लोग उनके प्रशंसक बन गए इस लिस्ट में ‘जवाहरलाल नेहरू’, ‘रविंद्र नाथ टैगोर’ जैसे महान लोग भी शामिल थे। वह इंग्लिश में भी अपनी कविताएं लिखती थी लेकिन उनकी कविताओं में भारतीयता अलग ही झलकती थी।
सरोजिनी नायडू की कुछ प्रसिद्ध कविताएं (Sarojini Naidu Famous Pomes)
- इंडियन डांसर
- द इंडियन
- इंडियन लव सॉन्ग
- इंडियन वेवर्स
- दि फॉरेस्ट
- राममुराथम
- नाईटफॉल सिटी इन हैदराबाद
- पब्लिकन बेयरर्स
- सती
- द सोल प्रेयर
- स्ट्रीट क्राइज
सरोजिनी नायडू द्वारा लिखी कुछ किताबें (Sarojini Naidu Famous Books)
प्रकाशित वर्ष | किताब का नाम |
---|---|
1905 | द गोल्डन थ्रेसोल्ड |
1912 | द बर्ड ऑफ टाइम |
1917 | द ब्रोकन विंग |
सरोजिनी नायडू की मृत्यु (Sarojini Naidu Death)
आजादी के बाद सरोजिनी नायडू जी को उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया था। 2 मार्च 1949 को उनके ऑफिस में काम करते समय उन्हें एक हार्ड अटैक आया जिसकी वजह से उनका देहांत हो गया।
सरोजिनी नायडू एक ऐसी महिला थी जिन्होंने अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय महिलाओं को जागृत और प्रोत्साहित करने में लगा दिया।
भारतीय राष्ट्रीय महिला दिवस (Indian Women Day)
सरोजिनी नायडू विलक्षण प्रतिभा की धनी थी जहां उन्होंने एक हाथ से अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को जागृत करने का कार्य किया तो वही दूसरे हाथ से स्वतंत्रता की मशाल को प्रज्वलित करती रही हैं।
वह हमेशा ही देश की महिलाओं को देश की आजादी में योगदान देने के लिए उन्हें प्रेरित करने के निरंतर प्रयास करती रही है देश की महिलाओं के लिए एक आदर्श के रूप में सरोजनी नायडू जी जन्म दिवस के उपलक्ष में हर वर्ष 13 फरवरी को ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
सरोजिनी नायडू जी से जुड़े कुछ तथ्य
- सरोजिनी नायडू जी की प्रथम कविता संग्रह द गोल्डन थ्रेसोल्ड थी।
- उन्हें ‘द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है।
- उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में ‘लेडी ऑफ़ दि लेक’ नामक कविता की रचना की थी।
- उन्होंने मात्र 12 वर्ष की आयु में ही 12वीं कक्षा पास कर ली थी।
- उनका ‘मेहर मुनीर फंसी नाटक’ सुप्रसिद्ध है।
FAQ:
सरोजिनी नायडू कौन थी?
भारत कोकिला के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू एक कवयित्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी थी। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दूसरी महिला प्रेसिडेंट के साथ-साथ भारत की प्रथम महिला राज्यपाल (उत्तर प्रदेश) भी थी।
सरोजिनी नायडू की पुस्तकों के नाम?
द गोल्डन थ्रेसोल्ड (1905)
द बर्ड ऑफ टाइम (1912)
द ब्रोकन विंग (1917)
उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल कौन हैं?
सरोजिनी नायडू।
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निष्कर्ष
मैं आशा करता हूं की आपको “सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय | Sarojini Naidu Biography In Hindi” पसंद आया होगा। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया है तो कमेंट करके अपनी राय दे, और इसे अपने दोस्तो और सोशल मीडिया में भी शेयर करे।