जस्टिस एस. अब्दुल नजीर का जीवन परिचय | Justice S. Abdul Nazeer Biography In Hindi

जस्टिस एस. अब्दुल नजीर का जीवन, परिचय, जीवनी, जन्म, उम्र, परिवार (Justice S. Abdul Nazeer Biography In Hindi, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Ram–Mandir Vivad, Triple Talaq, Babri masjid Vivad, Andhra Pradesh Ke 24th rajyapal, Net worth)

कुछ दिनों पहले 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नए राज्यपाल मिले राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने कुछ नए चेहरों को राज्यों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधि बनाकर भेजा है तो कुछ राज्यपालों का ट्रांसफर किया राष्ट्रपति भवन से जारी 13 राज्यपालों के नाम की लिस्ट में जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है वह है रिटायर्ड ‘जस्टिस एस. अब्दुल नजीर‘।

आपको बता दें कि जस्टिस एस. अब्दुल नजीर पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट के जज के पद से रिटायर हुए हैं और इनके चर्चा में आने की सबसे बड़ी वजह यह है कि उन्हें रिटायरमेंट के तुरंत बाद ही एक सरकारी पद दे दिया गया है। जस्टिस नजीर अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई करने वाले पांच जजों की पीठ का हिस्सा रह चुके हैं।

जस्टिस एस. अब्दुल नजीर का जीवन परिचय | Justice S. Abdul Nazeer Biography In Hindi

Table of Contents

जस्टिस एस. अब्दुल नजीर का जीवन परिचय

नाम (Name)एस.अब्दुल नजीर
जन्म (Date Of Birth)5 जनवरी 1958
उम्र (Age)65 वर्ष (2023)
जन्म स्थान (Birth Place)मूडबिद्री , कर्नाटक
धर्म (Religion)इस्लाम
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय
बालों का रंग (Eyes Colour)काला और सफेद
आंखों का रंग (Hair Colour)काला
राशि (Zodiac Sine)ज्ञात नहीं
पत्नी (Wife)समीरा नजीर
लंबाई (Height)6 फीट (लगभग)
वजन (Weight)ज्ञात नहीं
शिक्षा(Education)पोस्ट ग्रेजुएट
स्कूल (School)ज्ञात नहीं
कॉलेज (College)महावीरा कॉलेज,मूडबिद्री (बी.कॉम)
एसडीएम लॉ कॉलेज, मैंगलोर (लॉ)
कुल संपत्ति (Net worth)$5 मिलीयन (2023)

कौन है जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ? (Who Is Justice S. Abdul Nazeer?)

एस.अब्दुल नजीर सुप्रीमकोर्ट के रिटायर्ड जज है जो कि राम मंदिर विवाद, बाबरी मस्जिद विवाद और ट्रिपल तलाक जैसे मामलों में अपने फैसले देने के लिए लोकप्रिय हैं। अभी हाल ही में 12 फरवरी 2023 को उन्होंने आंध्र प्रदेश के 24वें राज्यपाल के रूप में अपना पद ग्रहण किया है।

अब्दुल नजीर का जन्म एवं शुरुआती जीवन

अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी 1958 को कर्नाटक के कार्य क्षेत्र के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पांच भाई बहन हैं। उनके पिता का नाम वकील साहब है और उनकी माता का नाम हमीदाबी/अमीदाबी था।

अब्दुल नजीर के पिता का निधन उनके बचपन में ही हो गया था जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए अपनी शिक्षा को भी आगे बढ़ाया और परिवार के पहले वकील बने और वह बेंगलुरु आ गए।

अब्दुल नजीर की शिक्षा (Abdul Nazeer Education)

वह है मूडबिद्री में पले बढ़े हैं उन्होंने महावीरा कॉलेज, मूडबिद्री से अपने बीकॉम की डिग्री प्राप्त की है उसके बाद उन्होंने एसडीएम लॉ कॉलेज मैंगलोर से कानून की डिग्री प्राप्त की है।

कानून की डिग्री लेने के बाद नजीर ने 1983 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया और बैंगलोर में कर्नाटक हाईकोर्ट में अभ्यास किया।

एस.अब्दुल नजीर का परिवार (S. Abdul Nazeer family)

पिता का नाम (Father Name)फकीर साहेब
माता का नाम (Mother Name)अमीदाबाई/हमीदाबाई
बहन का नाम (Sister Name)ज्ञात नहीं
भाई का नाम (Brother Name)ज्ञात नहीं
पत्नी का नाम (Wife Name)समीरा नजीर
बच्चों के नाम (Children’s Name)ज्ञात नहीं

एस.अब्दुल नजीर का करियर (S. Abdul Nazeer Career)

कानून की डिग्री लेने के बाद नजीर ने 1983 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया और बैंगलोर में कर्नाटक उच्च न्यायालय में अभ्यास किया मई 2003 में उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

जस्टिस नजीर ने वकालत के शुरुआती दिनों में अपनी तुलना ‘डक सिंड्रोम’ से की है जिसमें की एक बतख पानी के ऊपर शांति से तैरता हुआ नजर आता है किंतु वह पानी में शांति से तैरने के लिए पानी के अंदर बहुत ही तेजी से साथ अपने पैरों को चला रहा होता है। उसी प्रकार जस्टिस नजीर बताते हैं कि अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण उन्होंने भी वकालत में टिके रहने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है।

बाद में उन्हें उसी उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया फरवरी 2017 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए नजीर को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया वह किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने बिना इस तरह से पदोन्नत होने वाले केवल तीसरे न्यायाधीश बने। सुप्रीम कोर्ट के जज रहने के दौरान उन्होंने देश के कई गंभीर मुद्दों पर फैसले दिए।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर (Andhra Pradesh 24th rajyapal)

जस्टिस नजीर को अभी हाल ही में 12 फरवरी 2023 को भारत के राष्ट्रपति ने ‘बिस्वभूषण हरिचंदन’ के उत्तराधिकारी के रूप में आंध्र प्रदेश के 24वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया है।

इस नियुक्ति को पार्टियों से विरोध मिला जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को अयोध्या राम मंदिर फैसले से संबंधित उनके पक्ष में फैसले के कारण सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा रहा है।

हालांकि आपको बता दें कि इस नियुक्ति में सरकार द्वारा सभी नियमों का पालन किया गया है और पूर्व निर्धारित नियमों के आधार पर ही इस नियुक्ति को किया गया है इसमें किसी भी प्रकार के कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।

जस्टिस एस.अब्दुल नजीर द्वारा दिए गए कुछ खास फैसले (Abdul Nazeer’s Important/Famous Judgement )

जस्टिस नजीर साल 2017 में कर्नाटक हाईकोर्ट से पदोन्नति प्राप्त का सुप्रीम कोर्ट पहुंचे इसके बाद करीब 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े फैसले दिए जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा इन बड़े फैसलों को लेकर होती है।

सुप्रीम कोर्ट में नदी एक बहू विश्वास पीठ में अकेले मुस्लिम जस्टिस थे जिन्होंने 2017 में विवादास्पद ट्रिपल तलाक मामले की सुनवाई की हालांकि नजीर और एक अन्य जज ने ट्रिपल तलाक प्रथा की वैधता को बरकरार रखा। इस तथ्य के आधार पर कि मुस्लिम शरीयत कानून के तहत इसकी अनुमति है। इसे बेंच ने 3:2 बहुमत से रोक दिया था, और उस केंद्र सरकार से मुस्लिम समुदाय में शादी और तलाक को नियंत्रित करने के लिए 6 महीने में कानून लाने के लिए कहा था। अदालत ने कहा कि जब तक सरकार तीन तलाक के संबंध में एक कानून नहीं बनाती तब तक पति द्वारा अपनी पत्नियों को तीन तलाक कहने पर निषेधाज्ञा होगी।

वह अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 2019 के ऐतिहासिक फैसले की 5 जजों की बेंच का भी हिस्सा थे जिसमें उन्होंने एएसआई की उस रिपोर्ट को सही ठहराया था जिसमें विवादित क्षेत्र में हिंदू ढांचे के होने की बात कही गई थी, उन्होंने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया और इस तरह आखिरकार 5–0 के फैसले के साथ वर्षों से चले आ रहे विवाद को समाप्त कर दिया।

वही रिटायरमेंट से ठीक पहले ही जस्टिस नरीन ने दो फैसले दिए जो काफी सुर्खियों में रहे धरातल अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने 4-1 से फैसला सुनाया था जिसमें जस्टिस एस. नजीर ,जस्टिस वी रामासुब्रह्मण्यम ,जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थी। इसमें जस्टिस नजीर ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की आजादी पर ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है।

किसी की अभिव्यक्ति की आजादी पर कब प्रतिबंध लगेगा इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 19 धूप में पहले से ही प्रावधान है किसी भी आपत्तिजनक बयान के लिए मंत्री को जिम्मेदार माना जाना चाहिए, ना कि सरकार को। हालांकि जस्टिस नागरत्ना की राय चारों जजों से अलग थी।

अपनी सेवानिवृत्ति से पहले के महीने में ना जी ने एक संविधान पीठ का नेतृत्व किया जिसने 2016 में भारत सरकार द्वारा किए गए भारतीय बैंक नोट विमुद्रीकरण से संबंधित मामलों की सुनवाई की और सरकार के फैसले को सही बताया।

अब्दुल नजीर की कुल संपत्ति ( Abdul Nazeer Net Worth)

जस्टिस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के अमीर जजों में से एक है विश्वसनीय स्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति $5 मिलियन है जो कि भारतीय रुपयों में लगभग ₹40 करोड़ होती है, उनकी आय के स्रोतों के बारे में हमें पूर्णता जानकारी नहीं है।

कुल संपत्ति (2023) (Net worth in Dollars)$5 मिलीयन
कुल संपत्ति भारतीय रुपयों में (Net worth in Indian Rupees)₹40 करोड़

जस्टिस एस. नजीर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • नजीर अपने चाचा के फार्म हाउस में एक किसान के रूप में कार्य करते थे।
  • उन्हें गाने गाना पसंद है। वह खासकर तुलु गाने, गाने के लिए प्रसिद्ध है।
  • उन्हें क्रिकेट देखना पसंद है।
  • उन्हें लिखना पसंद है और उनके पास एक डायरी है जिसमें उन्होंने शुरुआत के कुछ पेजों में प्रेरणादायक बातें लिखी हैं।
  • वह व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के सब्सक्राइबर हैं।
  • वह अपनी सफलताओं का श्रेय अपनी मां के बलिदानों को देते हैं।
  • उनके पिता का निधन उनकी कम उम्र में हो गया था जिसके कारण उन्हें अपने परिवार की जिम्मेदारियां संभालनी पड़ी।

FAQ:

आंध्र प्रदेश के 24वें राज्यपाल कौन है?

एस.अब्दुल नजीर (2023)

एस. अब्दुल नजीर कौन है?

सुप्रीमकोर्ट के रिटायर्ड जज और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल (2023) ।

अब्दुल नजीर की पत्नी कौन है?

समीरा नजीर।

जस्टिस अब्दुल नजीर का जन्म कब हुआ था?

5 जनवरी 1958।

जस्टिस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट से कब रिटायर हुए?

4 जनवरी 2023।

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निष्‍कर्ष

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